The Ultimate Guide To Shodashi
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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥
ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।
उत्तीर्णाख्याभिरुपास्य पाति शुभदे सर्वार्थ-सिद्धि-प्रदे ।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
Goddess Shodashi has a 3rd eye to the forehead. She's clad in crimson costume and richly bejeweled. She sits on a lotus seat laid with a golden throne. She is demonstrated with four arms through which she holds 5 arrows of bouquets, a noose, a goad and sugarcane to be a bow.
या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः
By embracing Shodashi’s teachings, people cultivate a lifetime enriched with purpose, adore, and link to your divine. Her blessings remind devotees from the infinite natural beauty and knowledge that reside inside, empowering them to Reside with authenticity and joy.
The noose represents attachment, the goad signifies repulsion, the sugarcane bow represents the mind plus the arrows are classified as the five sense objects.
हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा more info कामराजप्रदिष्टा ।
The intricate romantic relationship concerning these groups and their respective roles during the cosmic purchase is a testament into the wealthy tapestry of Hindu mythology.
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।